सुबह की गहमागहमी और रास्ते जाम , बड़ी ही मुश्किल हो रही थी अपनी दो पहिया को चलाने में, नयी नयी नौकरी और उसपर जिम्मेदारी का एहसास , रास्ते में रुक रुक कर जाने कितने फ़ोन को रिप्लाई दिया , काम ही कुछ ऐसा था, , किसी को धन्यबाद से अंत किया तो किसी को बहस से, सबको अपने काम को समय से पूरा होने की जल्दी थी , मगर हमारे यहाँ लेबर प्रॉब्लम होने से काम की गति कुछ धीमी क्या बिलकुल बंद ही हो गयी थी, माथे पर बल पड रहे थे.
अचानक मेरे बगल से एक कार गुजरी और उसके विंडस्क्रीन पर एक छोटे से बच्चे ने मुझे देखा, वो और हम एक दूसरे को देखते रहे, और वो मुस्करा दिया...सच्ची बोलूँ ,,,एक मिनट में मेरी सारी तकलीफ दूर हो गयी. हालांकि वो कार तुरंत आगे जाकर मुड गयी , मगर उस बच्चे की मुस्कान मेरा पीछा बहुत दूर तक करती गयी.....
अचानक मेरे बगल से एक कार गुजरी और उसके विंडस्क्रीन पर एक छोटे से बच्चे ने मुझे देखा, वो और हम एक दूसरे को देखते रहे, और वो मुस्करा दिया...सच्ची बोलूँ ,,,एक मिनट में मेरी सारी तकलीफ दूर हो गयी. हालांकि वो कार तुरंत आगे जाकर मुड गयी , मगर उस बच्चे की मुस्कान मेरा पीछा बहुत दूर तक करती गयी.....
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