आज चाँद का रंगीन होना इत्तेफाक था ?
by Suman Mishra on Friday, 9 March 2012 at 13:09 ·
इतने रंग उछालो की चाँद भी रंगीन हो जाए
एक छोटा सा जुर्म सब करें की ,,,
मामला संगीन हो जाए
उसकी दिलकश सी हंसी का मतलब ?
मेरी समझ से तो परे है
कुछ गुल बहारों के
कुछ बालों में लगे ,,मामला हसीन हो जाए
पानी की परतों पर हल्की सी चांदनी का सरूर
सिलवटों पर रोशनी का रुक रुक कर आना जाना
तन्हाई की शाम का जैसे कोई रंग नहीं होता
मगर ये अचानक की बारिश और ???
महका है मन क्योंकि गुलों का धुल जाना
कुछ देर तक अठखेलियाँ लहरों के संग यूँ
पर चाँद का रंगीन होना है कहाँ मंजूर
वो तो निखर ही आयेगा चांदनी के आते ही
ये अक्स है किसी का या रंग भा गए हैं जरूर
आँखों पे लगे चश्मे से आँखों को ढक दिया
पर रंग तो बस चाँद भी रंगीन हो गया
हमपे जो चढ़ा रंग वो तो छूटते नहीं
शबनम ने धुला चाँद को सफ़ेद हो गया
रंगीन सियाही यहां कितनी है गिराई
पर जख्म तो हरे ही रहे उसके हमेशा
ले दाग अपने सीने पे देता है चांदनी
कोशिश उसे रंगने की कामयाब हो गयी
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