इन्तजार उसका ख्यालों मैं बहुत सा,
बारिश की बूंदों सा एक एक पल गिरना,
पलकों का मन से बातें करना,
आँखों की सलाह की वो नहीं आएगा,
कुछ तो है उसमें जो औरों मैं नहीं है,
कुछ तो है उसमें जितना मुझे भी यकीन है,
कुछ तो है उसमें ,मैं उसे ही जानती हूँ,
बारिश की बूंदों सा एक एक पल गिरना,
पलकों का मन से बातें करना,
आँखों की सलाह की वो नहीं आएगा,
कुछ तो है उसमें जो औरों मैं नहीं है,
कुछ तो है उसमें जितना मुझे भी यकीन है,
कुछ तो है उसमें ,मैं उसे ही जानती हूँ,
कुछ तो है उसमें , बस उसे ही मानती हूँ,
दूर जाकर वापस वो वहीं मिल है जाता,
दूर जाकर वापस वो वहीं मिल है जाता,
खोया हुआ मन फिर से खिल है जाता,
कैसा भी मन हो वो साथ मेरे रहता,
दूर बहुत होकर भी पास मेरे रहता,
हूँ बहुत मजबूर, उसकी याद बहुत आती,
आसमा से बातें , और शगल उसका होता,
है बहुत शिकायत मैं बहुत ही गलत हूँ,
नज़र बोलती है , जो है बस सही है,
रिश्ते कभी भी जीवन के संग ही चलेंगे,
नदियों के दो किनारे पर साथ ही बहेंगे,
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