संभल कर रहना बिटिया तुम,
तुम्हारा इस तरह छुपना ?
क्यों छुपना, अभी तो तुम बच्ची हो
तुम तितली की तरह उडो
फूलों के दल गिनो
रेत से शंख बीनो
मगर तुम्हारा इस तरह छुपना
क्या लोगों में स्नेह ख़तम हो चला है
तुम बिटिया नहीं हाड मांस का पुतला हो
जब तक छुपी हो अच्छा है
वरना नजरें बींधने लगेगी
आंकने लगेगी तुम्हारे कद को
ये पेड़ की ओट काम नहीं आएगी
सड़क की भीड़ तमाशाई बन जायेगी
लोगों को बिटिया नहीं लड़की याद रह जाएगी
तुम्हारा इस तरह छुपना ?
क्यों छुपना, अभी तो तुम बच्ची हो
तुम तितली की तरह उडो
फूलों के दल गिनो
रेत से शंख बीनो
मगर तुम्हारा इस तरह छुपना
क्या लोगों में स्नेह ख़तम हो चला है
तुम बिटिया नहीं हाड मांस का पुतला हो
जब तक छुपी हो अच्छा है
वरना नजरें बींधने लगेगी
आंकने लगेगी तुम्हारे कद को
ये पेड़ की ओट काम नहीं आएगी
सड़क की भीड़ तमाशाई बन जायेगी
लोगों को बिटिया नहीं लड़की याद रह जाएगी
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