Tuesday, 22 May 2012

तुम्हारा प्यार (हाइकू)


तुम्हारा प्यार (हाइकू)

by Suman Mishra on Friday, 4 May 2012 at 00:32 ·
एक शब्द में
अफ़साने हजार
सच कहा ना

अलग सी दुनिया
मैं और वो ही
सपने देखते हैं


गुलमोहर सा था
उसके हाथ
मेरे लिए क्या ?


चाँद को निहारना
तुम्हारा अक्स
 रोज तुम्हे  देखना

माना की हम नहीं
तुम्हारे सही
फिर किसी के नहीं

समझता नहीं है
तुम्हारे बिना
अजब सी दशा

दिन के झरोखे से
एक लाल सा
सूरज और तुम

तुम जहां हो 
वहा मेरा वजूद
शायद ही हो

आसरा एहसास
मौजूदगी भी

ये प्यार तुम्हारा है


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